Events of CSEC

पटना, 19 मई । आज कृषि कार्यालय, सरारी ग्राम पंचायत, दानापुर, पटना में "मौसम-आधारित कृषि परामर्श सेवाओं के माध्यम से किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सेंटर फॉर स्टडीज ऑन एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट (CSEC), एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (ADRI) के पर्यावरण सूचना, क्षमता निर्माण एवं आजीविका कार्यक्रम (BACP) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पटना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीमती आशा सिन्हा, पूर्व विधायक दानापुर विधानसभा क्षेत्र ने किया।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि यह है कि विश्व जैव विविधता दिवस प्रतिवर्ष 22 मई को मनाया जाता है ताकि जैव विविधता के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इसके संरक्षण एवं सतत उपयोग के लिए कार्यों को प्रोत्साहित किया जा सके। इस वर्ष की थीम 'प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास' मानवीय गतिविधियों को प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है और ऐसी सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर देती है जो विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन सुनिश्चित करें।
विकासशील क्षेत्रों के किसान जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते जा रहे हैं, जिससे फसल उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। मौसम-आधारित कृषि परामर्श सेवाओं के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितता से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाता है। इससे फसल क्षति में कमी आती है, संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है और उत्पादकता बढ़ती है। यह जानकारी किसानों को बेहतर निर्णय लेने, जोखिम प्रबंधन करने और पर्यावरणीय आपदाओ से निपटने में मदद करती है। इस जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य रिसोर्स पर्सन डॉक्टर आशीष कुमार, मौसम वैज्ञानिक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, पटना ने किसानों के बीच वज्रपात के प्रकारों की चर्चा की, साथ ही यह भी बताया कि वज्रपात की घटना होने से कैसे क्षति से बच जा सकता है। उनहोंने मौसम विज्ञान विभाग के दामिनी एप की चर्चा की, जिससे किसान भाई वज्रपात होने के पूर्व की जानकारी से अवगत हो सकते है।
बारी-बारी से क्रमशः आद्री के डॉक्टर मौसमी गुप्ता एवं डॉक्टर सुनील गुप्ता ने अपने सम्बोधन में किसानों को बताया कि जानकारी ही बचाव है, आप जितनी ज्यादा जानकारी अपने पास रखेंगे, क्षति उतनी ही कम होगा। उनहोंने यह भी बताया कि कृषि वैज्ञानिक परिवर्तित होते जलवायु के हिसाब से बीजों को विकसित कर रहे हैं, ताकि आप किसान भाइयों को ज्यादा से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण फसलों का उत्पादन कर सके।
कार्यक्रम में किसान भाइयों सहित स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं प्रखंड के कृषि समन्वयक और कृषि सलाहकार ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए। कार्यक्रम के दौरान आद्री के इंद्रजीत गोस्वामी, गुलशन पटेल, मौसम कुमार और पूजा गुप्ता ने आगत अतिथियों का हरित स्वागत किया। कार्यक्रम में स्थानीय पैक्स अध्यक्ष, सरपंच प्रतिनिधि ने भी किसान भाइयों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम स्थल परआद्री द्वारा वृक्षारोपण का आयोजन भी किया गया, जिसे श्रीमती आशा सिन्हा, पूर्व विधायक दानापुर विधानसभा क्षेत्र ने अपने कर-कमलों से इसका रोपण किया। कार्यक्रम के अंत में आद्री की डॉक्टर मौसमी गुप्ता ने आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।